Rudrabhishek puja samagri list in hindi

आज के इस लेख मे हम जानेंगे कि Rudrabhishek puja samagri list in hindi मे क्या समाग्री होती हैं और रुद्राभिषेक पूजा की तैयारी कैसे करें, रुद्राभिषेक पूजन विधि मंत्र सहित इन प्रमुख विषयो पर चर्चा करेंगे चो आइए जानते हैं।

भगवान की शिव पूजा में, रुद्राभिषेक पूजन एक बहुत पूजनीय और पवित्र वैदिक अनुष्ठान है, जो पूर्णतः आदि देव भगवान महादेव को समर्पित है। भगवान शंकर समस्त हिंदू धर्म के मुख्य देवताओं में से हैं और उन्हें बुराई का नाश करने वाले और इस पूरे ब्रम्हांड का परिवर्तन कर्ता और संहारकर्ता भी माना जाता है। भगवान शिव बहुत भोले स्वभाव के हैं यदि भक्त सच्चे मन से उनकी आराधना करें तो वह भक्त पर अत्यन्त कृपालू हो जाते हैं और भक्त का जीवन खुशियों से भर देते हैं।

इस महान रुद्र अभिषेक पूजन प्रक्रिया में अत्यन्त शक्तिशाली वैदिक मंत्रों का जाप करते हुए विभिन्न पवित्र प्रकार के पदार्थों से शिव लिंग का अभिषेक किया जाता है। जिस कारण से यह पूजा प्रक्रिया रुद्र अभिषेक के नाम से इस समस्त संसार भर में विख्यात हैं।

ऐसी मान्यता हैं कि इस रुद्र अभिषेक पूजन से भगवान शिव सहर्ष प्रसन्न होते हैं, और उनका दिव्य आशीर्वाद भक्तों को प्राप्त होता है। इस पूजन से घर और मन में शांति, समृद्धि, खुशहाली और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा मिलती है। परम पवित्र श्रावण मास के सोमवार और महाशिवरात्रि के दौरान रुद्राभिषेक पूजन करना विशेष रूप से शुभ फलदायी माना गया है। तो आइए जानते हैं कि इस rudrabhishek puja samagri list in hindi में क्या – क्या सामाग्री उपयोगी होती हैं।

Rudrabhishek puja samagri list in hindi

Rudrabhishek puja samagri list in hindi (रुद्राभिषेक पूजा सामग्री सूची)

सामाग्री मात्रा
पीला सिन्दूर 20 ग्राम
पीला अष्टगंध चन्दन 50 ग्राम
लाल चन्दन 25 ग्राम
सफेद चन्दन25 ग्राम
लाल सिन्दूर25 ग्राम
हल्दी पीसी हुई 50 ग्राम
हल्दी साबूत 100 ग्राम
लौंग 50 ग्राम
इलायची 25 ग्राम
सर्वोषधी1 डिब्बा
सप्त मातृिका 1 डिब्बा
नवग्रह धान्य 1 डिब्बा
माधुरी 50 ग्राम
गोरोचन 100 ग्राम
जनेऊ 11 नग
इत्र शीशी 1 नग
नारियल गोला सूखा 1 नग
नारियल पानी वाला 1 नग
अक्षत चावल 1.250 किलोग्राम
धूपबत्ती 1 पैकेट
रोली 2 नग
रूई की बाती गोल 1 पैकेट
देशी घी 500 किलोग्राम
हल्दी का तेल च
500 ग्राम
चमेली का तेल 1 शीशी
कपूर 1 डिब्बा
कलावा 5 नग
चुनरी लाल रंग का 1 नग
लाल रंग 10 ग्राम
काला रंग 10 ग्राम
हरा रंग 10 ग्राम
बैगनी रंग 10 ग्राम
पीला रंग 10 ग्राम
भगवा रंग 10 ग्राम
अबीर 50 ग्राम
अबीर हरा 50 ग्राम
अबीर गुलाबी 50 ग्राम
अभ्रक बारीक 20 ग्राम
भस्म 50 ग्राम
गंगाजल 2.500 लीटर
गुलाबजल 1 शीशी
केवड़ा जल 1 शीशी
पीला वस्त्र 1 मीटर
लाल वस्त्र 1 मीटर
सफेद वस्त्र 1 मीटर
नीला वस्त्र 1 मीटर
हरा वस्त्र 1 मीटर
हनुमान जी के लिए झण्डा 1 नग
रुद्राक्ष माला 1 नग
दोना छोटा, बड़ा 2 – 2 पैकेट
माचिस 1 नग
तामिल ज 100 ग्राम
जौ 100 ग्राम
गुड़ 250 किलोग्राम
कमलगट्टा 100 ग्राम
पंचमेवा 250 किलोग्राम
केसर 1 डिब्बा
अंगवस्त्र पीला 1 नग
अंगवस्त्र लाल 1 नग
धोती सफेद 1 नग
धोती लाल 1 नग
नाग नागिन 1 नग
पंचरत्न 1 डिब्बा
मिष्ठान 500 किलोग्राम
पान के पत्ते साबूत 21 नग
आम के पत्ते 4 दर्जन
ऋतु फल 5 प्रकार के
दूर्वा (घास) 100 ग्राम
बेलपत्र 108 नग
बेल का फल 5 नग
मदार के पत्ते 108 नग
मदार के फूल 50 ग्राम
भांग सूखा 10 ग्राम
भांग गीला गोला 1 गोला
धतूर का फल 11 नग
धतूर का फूल 50 ग्राम
शमी पत्र 20 ग्राम
कमल फूल 11 नग
फूलों का हार (मिक्स) 1 नग
गुलाब के फूल 11 नग
गेंदा फूल 250 ग्राम
सूरजमुखी का फूल पीला 250 ग्राम
सूरजमुखी का फूल सफेद 250 ग्राम
तुलसी मंजरी 10 ग्राम
गाय का दूध 2.500 लीटर
दही 1 किलोग्राम
शहद 1 शीशी
शक्कर घुला हुआ शर्करा 100 ग्राम का घोल
मिट्टी गीला मूर्ति निर्माण के लिए 5 किलोग्राम
भगवान शिव शंकर की प्रतिमा 1 नग
अखण्ड दीप मिट्टी का 1 नग
पीतल का कलश 1 नग
थाली 11 नग
लोटा 5 नग
कटोरी 11 नग
परात 2 नग
बाल्टी जल आदि रखने के लिए 1 नग
मिट्टी के दीप 21 नग
मिट्टी का प्याला 11 नग
मिट्टी का कलश ढक्कन सहित बड़ा साइज 1 नग
पंचामृत स्वयं बनाए
अंगौछा 1 नग
गाय का गोबर 100 ग्राम
श्रृंगी 1 नग
हनुमान ध्वजा के लिए बांस 1 नग
आम की लकड़ी 3 किलोग्राम
दशांग हवन 1.250 किलोग्राम

रुद्राभिषेक पूजा की तैयारी कैसे करें

यदि आप रुद्राभिषेक का पूजा किसी मंदिर या फिर देवालय में कर रहे है तो, आपको यह ध्यान रखना हैं कि जहाँ भी शिवलिंग स्थित है पूजा वहीँ पर पूजा करनी है।और यदि आप अपने घर में रुद्राभिषेक पूजन करने की सोच रहे है तो, फिर आपको जहाँ पूजा करना हैं वहाँ शिवलिंग स्थापित करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि उत्तर दिशा में शिवलिंग की स्थापना करनी चाहिए। और आप को स्वयं पूर्व दिशा की ओर मुख करके पूजा करनी चाहिए।

यह भी अवश्य पढ़े – Shiv tandav stotra saral bhasha me

और आप पूजा करने से पहले शिवलिंग के साथ ही गौरीगणेश जी, और भी अन्य देवी-देवता एवं नवग्रह के पूजा के लिए भी पूर्व की दिशा में एक चौकी पर सभी देवी देवता गण को आसन दे।

जिस दिन घर में रुद्राभिषेक की पूजा हों तो सभी परिवारजन को प्रातः स्नान ध्यान कर इस मुख्य पूजा के लिए सही वक्त पर पहुंचना चाहिए।

घर को आम के पत्तों एवं विभिन्न प्रकार के फूल मालाओं से सजा कर रखना चाहिए।

रुद्राभिषेक पूजा शुरू होने से पूर्व ही सभी पूजन सामग्री और अन्य तरह की सभी तैयारी कर पूजा-स्थल मे रख लेनी चाहिए। जिससे कि बार – बार आपको पूजा के समय किसी को बोलकर समान मंगाने की आवश्यकता न पड़ें।

इस परम पवित्र रुद्राभिषेक पूजा में विभिन्न प्रकार के मंत्रो का उच्चारण किया जाता है, इसलिए इस पूजा के लिए अनुभवी पंडित द्वारा यह पूजा करवानी चाहिए| जिससे कि आपकी पूजा सफल हो सके।

रुद्राभिषेक पूजन में शिवलिंग पर जल अभिषेक शुरू करने से पूर्व भगवान गणेश जी का पूजन करें क्योंकि भगवान गणेश जी हिन्दू धर्म में किसी भी प्रकार के पूजापाठ या फिर किसी भी अनुष्ठान के प्रथम पूज्य देव माने गए हैं | और यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो निश्चित ही आपकी पूजा असफल सिद्ध होगी।भगवान गणेश का तिलक करे, और फिर चावल, फूल, नैवेद्य, दूर्वा और दक्षिणा अर्पण करें।

और भी आह्वान किये गए देवी- देवताओं और नवग्रह की विधिवत् पूजा करें और उन सभी से यह प्रार्थना करें कि आपकी यह पूजा सफल बनाए।

यह भी अवश्य पढ़े – Shiv chalisa hindi arth in text|Shiv chalisa ka paath kaise kare

अब भगवान शिवशंकर की पूजन शुरू करें ।

Rudrabhishek puja samagri list in hindi

रुद्राभिषेक पूजन विधि मंत्र सहित

भगवान भोलेशंकर की पूजन और आराधना करने के लिए रुद्राभिषेक पूजा को विशेष फलदायी माना जाता है | यदि आप पूरे विधि विधान से और सच्ची भक्तिभाव से रुद्राभिषेक पूजा करते हैं तो भगवान शिव बहुत प्रसन्न होते है। और आप की सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती है। आपको रुद्राभिषेक पूजन विधि मंत्र सहित किस प्रकार करनी है आइये समझते है – 

भगवान शिव के रुद्राभिषेक पूजा के लिए शुद्ध जल में गंगाजल, भांग, दूध, गन्ने का रस आदि मिला कर रख ले।

रुद्राभिषेक के समय आचार्य जी रुद्री का पाठ करते है, तब आप श्रृंगी के द्वारा मिश्रित जल को धीरे – धीरे शिवलिंग पर अर्पण करें।

जल अर्पण करते समय आप रुद्राष्टाध्यायी का पाठ करें या फिर आप मन ही मन ॐ नमः शिवाय का जाप कर सकते हैं।

रुद्राभिषेक पूजा पूरा होने के पश्चात् आप सभी भक्तजन एकत्रित होकर भगवान शिव की आरती का गान करे।

पूजा के बाद रुद्राभिषेक के पवित्र जल का पुरे घर में छिड़काव करें।

यह भी अवश्य पढ़े – Shiv panchakshar stotra meaning in hindi

रुद्राभिषेक पूजन विधि मंत्र

ॐ नम: शम्भवाय च मयोभवाय च नम: शंकराय चमयस्कराय च नम: शिवाय च शिवतराय च ॥ईशानः सर्वविद्यानामीश्व रः सर्वभूतानां ब्रह्माधिपतिर्ब्रह्मणोऽधिपतिब्रह्मा शिवो मे अस्तु सदाशिवोय्‌ ॥तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि।तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥अघोरेभ्योथघोरेभ्यो घोरघोरतरेभ्यः सर्वेभ्यःसर्व सर्वेभ्यो नमस्ते अस्तु रुद्ररुपेभ्यः ॥वामदेवाय नमो ज्येष्ठारय नमः श्रेष्ठारय नमोरुद्राय नमः कालाय नम:कलविकरणाय नमो बलविकरणाय नमःबलाय नमो बलप्रमथनाथाय नमःसर्वभूतदमनाय नमो मनोन्मनाय नमः ॥सद्योजातं प्रपद्यामि सद्योजाताय वै नमो नमः ।भवे भवे नाति भवे भवस्व मां भवोद्‌भवाय नमः ॥नम: सायं नम: प्रातर्नमो रात्र्या नमो दिवा ।भवाय च शर्वाय चाभाभ्यामकरं नम: ॥यस्य नि:श्र्वसितं वेदा यो वेदेभ्योsखिलं जगत् ।निर्ममे तमहं वन्दे विद्यातीर्थ महेश्वरम् ॥त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिबर्धनम्उर्वारूकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात् ॥सर्वो वै रुद्रास्तस्मै रुद्राय नमो अस्तु ।पुरुषो वै रुद्र: सन्महो नमो नम: ॥विश्वा भूतं भुवनं चित्रं बहुधा जातं जायामानं च यत् ।सर्वो ह्येष रुद्रस्तस्मै रुद्राय नमो अस्तु ॥

छोटा रुद्राभिषेक मंत्र

रुद्रा: पञ्चविधाः प्रोक्ता देशिकैरुत्तरोतरं ।सांगस्तवाद्यो रूपकाख्य: सशीर्षो रूद्र उच्च्यते ।।एकादशगुणैस्तद्वद् रुद्रौ संज्ञो द्वितीयकः ।एकदशभिरेता भिस्तृतीयो लघु रुद्रकः।।

यह भी अवश्य पढ़े – भगवान शिव का सबसे पहला शिवलिंग का रहस्य

रुद्राभिषेक कराने के पूजा के फायदे

रुद्राभिषेक पूजा कराने से या फिर स्वयं करने से घर के सभी प्रकार की नकारात्मक उर्जा का नाश हो जाता है, और घर में सकारात्मक उर्जा का वातावरण बनने लगता है और घर में समृद्धि और खुशहाली का वास होने लगता हैं।

रुद्राभिषेक करने से मनुष्य के जन्म, जन्मांतरों का पाप नष्ट हो जाते हैं और मनुष्य निष्पाप मुद्रा को प्राप्त हो जाता हैं। और भगवान शिव शंकर का आशीर्वाद भक्त को प्राप्त होता है।

भगवान शिव के शिवलिंग में सभी देवता समाहित होते हैं। इसलिए जब हम शिवलिंग का रुद्राभिषेक करते है तो सभी देवता पूर्णतः प्रसन्न होते है।

यदि किसी व्यक्ति के कुण्डली में कालसर्प योग मौजूद हो तो उसे भगवान शंकर का शिव रुद्राभिषेक करना चाहिए जिससे कि कालसर्प योग का प्रभाव नष्ट होता है।

यदि सम्भव हो सके तो श्रावण माह में रुद्राभिषेक करते है तो यह अत्यन्त फलदायी होता है।

रुद्राभिषेक पूजा सेसंबंधित कुछ महत्वपूर्ण – FAQ

लघु रुद्धाभिषेक मंत्र इस प्रकार हैं, रुद्रा: पञ्चविधाः प्रोक्ता देशिकैरुत्तरोतरं ।सांगस्तवाद्यो रूपकाख्य: सशीर्षो रूद्र उच्च्यते ।।एकादशगुणैस्तद्वद् रुद्रौ संज्ञो द्वितीयकः ।एकदशभिरेता भिस्तृतीयो लघु रुद्रकः।।

शिव रुद्राभिषेक पूर्ण मंत्र इस प्रकार हैं, ॐ नम: शम्भवाय च मयोभवाय च नम: शंकराय चमयस्कराय च नम: शिवाय च शिवतराय च ॥ईशानः सर्वविद्यानामीश्व रः सर्वभूतानां ब्रह्माधिपतिर्ब्रह्मणोऽधिपतिब्रह्मा शिवो मे अस्तु सदाशिवोय्‌ ॥तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि।तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥अघोरेभ्योथघोरेभ्यो घोरघोरतरेभ्यः सर्वेभ्यःसर्व सर्वेभ्यो नमस्ते अस्तु रुद्ररुपेभ्यः ॥वामदेवाय नमो ज्येष्ठारय नमः श्रेष्ठारय नमोरुद्राय नमः कालाय नम:कलविकरणाय नमो बलविकरणाय नमःबलाय नमो बलप्रमथनाथाय नमःसर्वभूतदमनाय नमो मनोन्मनाय नमः ॥सद्योजातं प्रपद्यामि सद्योजाताय वै नमो नमः ।भवे भवे नाति भवे भवस्व मां भवोद्‌भवाय नमः ॥नम: सायं नम: प्रातर्नमो रात्र्या नमो दिवा ।भवाय च शर्वाय चाभाभ्यामकरं नम: ॥यस्य नि:श्र्वसितं वेदा यो वेदेभ्योsखिलं जगत् ।निर्ममे तमहं वन्दे विद्यातीर्थ महेश्वरम् ॥त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिबर्धनम्उर्वारूकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात् ॥सर्वो वै रुद्रास्तस्मै रुद्राय नमो अस्तु ।पुरुषो वै रुद्र: सन्महो नमो नम: ॥विश्वा भूतं भुवनं चित्रं बहुधा जातं जायामानं च यत् ।सर्वो ह्येष रुद्रस्तस्मै रुद्राय नमो अस्तु ॥

रुद्राभिषेक पूजा के समय ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करना चाहिए, या फिर आप “रुद्रा: पञ्चविधाः प्रोक्ता देशिकैरुत्तरोतरं ।सांगस्तवाद्यो रूपकाख्य: सशीर्षो रूद्र उच्च्यते ।।एकादशगुणैस्तद्वद् रुद्रौ संज्ञो द्वितीयकः ।एकदशभिरेता भिस्तृतीयो लघु रुद्रकः” इस मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।

रुद्र मंत्र इस प्रकार हैं, “ॐ नमो भगवते रुद्राय नम:” यह भगवान रुद्र का मूलमंत्र हैं।

Leave a Comment