नमस्कार मित्रो आज के इस लेख में आप सभी का स्वागत हैं आज के इस लेख मे हम जानेंगे कि सवा लाख महामृत्युंजय मंत्र जाप के फायदे क्या होते हैं?महामृत्युंजय जाप सामग्री का लिस्ट में क्या क्या होता हैं? महामृत्यंजय मंत्र का जाप कैसे करें? इसी प्रकार के महत्वपूर्ण विषय में चर्चा करेंगे।
यदि हम सवा लाख महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हैं तो हमें क्या-क्या मिलता है ? क्या-क्या प्राप्ति हो सकती हैं ? तो आइए में हम चर्चा करते हैं, इस बात का ध्यान रखें कि इस मंत्र के जाप से हमें वह सब कुछ प्राप्त हो सकता है जिसकी मनुष्य को आवश्यकता होती है। जो मनुष्य मन में कुछ चाहता है इस मंत्र के जाप से अवश्य प्राप्त कर सकता हैं। यह मंत्र इस परम बम्हाण्ड का परम शक्तिशाली मंत्र है यह भगवान शिव का मूलमंत्र माना जाता हैं।
जब हम जप करते हैं तो शुरूआती दिनों में हमें कुछ अनुभव नहीं होता कुछ समय तक तो नहीं होता है, जब हम मंत्र का जप करते हैं तो मंत्र से उत्पन्न होने वाली तरंगे उठती है और ब्रह्मांड में फैल जाती है, यह उर्जा शीघ्र वहां जाकर उस ब्रम्हाण्ड से टकराती हैं। हमे इस विश्वास के साथ रहना चाहिए कि, वह उर्जा वहां से उसी प्रकार की शक्ति लेकर जिसमें बहुत महत्वपूर्ण तरंगें होती है, वह साधक के घर अर्थात् आज्ञा चक में प्रवेश करती है। साधक अपने मनोकामनाओं को, जो उसने अपने मन में सोच रखा हैं, उसी के आधार पर वह अपनी तरक्की करने लगता है।
सवा लाख महामृत्युंजय मंत्र जाप के फायदे और लाभ
सवा लाख महामृत्युंजय जाप के फायदे इस प्रकार है –
यदि आप किसी भी प्रकार के रोग से ग्रसित हैं तो इस महामृत्यंजय मंत्र का जाप करने से उस रोग से मुक्ति मिलती हैं।
यदि आप पुत्र प्राप्ति करना चाहते हैं तो फिर आपको इस महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए।
अपने जीवन मे सुख,समृद्धि और यश प्राप्ति के लिए इस महामंत्र का जाप करना चाहिए।
भगवान शिव के इस अत्यन्त चमत्कारी महामृत्युंजय मंत्र के जाप से कालसर्प दोष जैसे दुष्प्रभावों का नाश हो जाता है।
जीवन में अकाल मृत्यु के डर से मुक्त होने और अकाल मृत्यु को अपने से दूर रखने के लिए इस महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए।
जीवन में किसी भी कार्य के सफलता हेतु इस महामृत्यंजय मंत्र का जाप करना अत्यन्त लाभकारी सिद्ध होता है।
मनोवांछित फल पाने के लिए भक्त को अटूट श्रद्धा, भक्तिभाव और दृढ़ विश्वास के साथ इस महामंत्र का सदैव जाप करना चाहिए।
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महामृत्युंजय जाप में कितना खर्च आता है
आइए समझते हैं कि इस पवित्र महामृत्युंजय मंत्र के जाप मे कितना खर्च आएगा? यह सब पूरी तरह यज्ञ के प्रकार और मंत्रो के जाप की संख्या पर पूर्णतः निर्भर करता है, कि आप कितने मंत्रो का जाप करवाना चाहते है और किस प्रकार का अनुष्ठान कराना चाहते हैं। आज की इस वर्तमान बढ़ती हुई मंहगाई को देखते हुए, इस महामंत्र का जाप 1 दिन से लेकर 7 दिन के लिए 11000 से लेकर 60,000 रुपए तक का अनुमानित खर्च आ सकता है। आइए हम इसे और भी आसान भाषा में समझते हैं।
यदि आप 11,000 महामृत्युंजय मंत्र का जाप कराना चाहते हैं तो आप को 11,000 रुपए तक का खर्च आ सकता है।यदि आप 1 दिन मे 21,000 महामृत्युंजय मंत्र का जाप कराना चाहते हैं तो 7 आचार्यों का 18,000 रुपए तक खर्च आ सकता है।
यदि आप 3 दिनो मे 51,000 महामृत्युंजय मंत्र का जाप कराना चाहते हैं तो 5 आचार्यों का खर्च लेकर कुल अनुमानित 28000 रुपए तक आ सकता है।
यदि आप पाँच दिनो 1,25,000 महामृत्युंजय मंत्र जाप कराना चाहते हैं तो 7 आचार्यों द्वारा 55,000 से 60000 रुपए तक का खर्च आ सकता है।
इस पवित्र महामृत्युंजय जाप अनुष्ठान का खर्च आपकी व्यवस्था सामग्री और आचार्यों की दान और दक्षिणा पर भी निर्भर करता है, इसलिए आप को पहले हम यही उचित सलाह देंगे कि आप अपने आचार्य जी से स्वयं से परामर्श जरूर कर ले जिससे कि आप फालतू के खर्चो से बच सके।
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महामृत्युंजय जाप कितने दिन का होता है?
यदि आप महामृत्यंजय मंत्र आचार्यों द्वारा करा रहे हैं तो हमने इस के बारे में उपर के लेख में बताया हैं कि यह मंत्र जाप 1 से 7 दिनो का होता हैं। और यदि आप स्वयं से महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर रहे हैं, तब यदि आप इस मंत्र का जाप सवा लाख बार करना चाहते है, यदि आप 1 माला रोज का जाप करेंगे तब 125000/108= 1158 दिन आपको इस महामंत्र के जाप में लग जाएंगे। और यदि आप रोज का 11 माला का जाप करेंगे तब 11×108 = 1188 और 125000/1188 = 105 दिन में यह मंत्र जाप पूरा हो जाएगा। आप रोज की कितनी माला का जाप करना चाहते हैं यह पूर्णतः आपकी यथाशक्ति पर निर्भर करता हैं।
महामृत्युंजय जाप सामग्री का लिस्ट
सामाग्री | मात्रा |
गंगाजल | 1 लिटर |
गाय का दूध | 1 लिटर |
शहद | 1 शीशी |
दही | 500 ग्राम |
शर्करा घुला हुआ | 100 ग्राम |
बेलपत्र | 108 नग |
कनेर पुष्प | 250 ग्राम |
कमल फूल | 11 नग |
गेंदा फूल | 250 ग्राम |
ध्वाज | 1 नग |
ध्वज के लिए डंडा | 1 नग |
हल्दी पीसी हुई | 25 ग्राम |
हल्दी साबूत | 50 ग्राम |
लौंग | 20 ग्राम |
इलायची | 20 ग्राम |
सुपारी खड़ा | 50 ग्राम |
पान का पत्ता | 11 नग |
रोली | 1 पैकेट |
मौली धाग | 1 पैकेट |
चावल | 500 ग्राम |
श्वेत चंदन | 50 ग्राम |
पीला अष्टगंध चंदन | 50 ग्राम |
धूप बत्ती | 1 पैकेट |
कपूर | 1 डिब्बा |
घी | 250 ग्राम |
रुई की बत्ती गोल | 1 पैकेट |
रुई की बत्ती लम्बा | 1 पैकेट |
केसर | 50 ग्राम |
पंचमेवा | 250 ग्राम |
दोना | 2 बण्डल |
गुलाल | 1 पैकेट |
अबीर | 1 पैकेट |
इत्र | 1 शीशी |
नवग्रह धान्य | 100 ग्राम |
मिष्ठान | 1 KG |
ऋतु फल | 5 प्रकार के |
गन्ना | यथाशक्ति |
धोती पीला सफेद | 1 – 1 नग |
अंगौछा | 2 नग |
श्रृंगार सामान | 1 सेट |
नाखिल सूखा गोला | 1 नग |
नारियल गीला | 2 नग |
मिट्टी कलश | 1 नग |
शमी पत्र | 20 ग्राम |
धतूर का फूल, फल | यथा शक्ति |
शिवलिंग | 1 नग |
नाग नागिन | 1 नग |
फूलों की माला | 2 माला |
आम पत्ती | 4 दर्जन |
घर में महा मृत्युंजय अनुष्ठान कराने के नियम
यदि आप घर में महा मृत्युंजय का जाप करा रहे हैं तब फिर आपको इन कुछ प्रमुख बातों पर अवश्य ध्यान देना चाहिए और आपको घर में महा मृत्युंजय अनुष्ठान कराने के नियम के बारें में अच्छे से पता होना चाहिए।
- महामृत्यंजय जाप जहाँ कहीं पर भी कराना हों उस स्थान का चुनाव करें।
- उस स्थान को साफ सुथरा कर गंगाजल का प्रयोग कर सुद्ध कर ले और फिर समस्त महामृत्यंजय अनुष्ठान के दौरान उस जगह को न बदलें।
- आप रोज सुबह स्नानादि प्रक्रिया सम्पन्न कर के स्वच्छ हों कर इस महान पूजा के लिए तैयार हो जाए और अपने परिजनों को भी इसी प्रकार तैयार करें।
- जितने दिनों तक महामृत्युंजय मंत्र का जाप चलेगा उन दिनों से एक सप्ताह पूर्व और एक सप्ताह बाद तक मांस आदि का भोजन त्याग दें, और लहसुन और प्याज का त्याग कर दें।
- जब तक यह पवित्र महामृत्युंजय महामंत्र का जाप चलेगा तब तक आपको मदिरा का सेवन नहीं करना हैं।
- यदि आप विवाहित हैं तो पति और पत्नी जब तक यह महामृत्युंजय मंत्र का जाप चलेगा एक दूसरे से किसी भी प्रकार शारीरिक सम्बन्ध स्थापित न करे और सदैव पवित्र रहने का पूर्ण प्रयास करें।
- जब सुबह से आपके घर के उस पवित्र स्थान पर महामृत्यंजय मंत्र का जाप आचार्यों द्वारा किया जाए, तब आप वहाँ बैठकर मन ही मन महामृत्यंजय मंत्र का जाप करें। और यह मंत्र होठो तक ही रहना चाहिए आपके अलावा और किसी भी सुनाई नहीं देना चाहिए।
- जितने भी आचार्य जन इस महामृत्यंजय मंत्र का जाप कर रहें हैं आप उन सभी का आदर और सम्मान करें। और उनकी सेवा करें।
- आप अपने बड़ो का सम्मान करें और मन को स्वच्छ बनाए रखें किसी भी प्रकार की गंदगी मन में प्रवेश न करने दें।
महामृत्यंजय मंत्र का जाप कैसे करें?
महामृत्युंजय मंत्र का जाप 108 मंत्र किया जाना चाहिए अगर आपको गिनने में परेशानी होती हैं तो आप माला का इस्तेमाल करें माला में 108 नग रुद्राक्ष होते हैं। इस प्रकार आपको कभी भी 108 मनको वाली रुद्राक्ष की माला में इस महामंत्र का जाप करना उचित माना जाता हैं। और इस प्रकार मंत्र गिनती करने की आवश्यकता नही हैं क्योंकि माला में पहले से ही 108 रुद्राक्ष मनका होते हैं। यदि आप नित्य प्रतिदिन 108 बार इस मंत्र का जाप करते हैं तब आपको इस संसार के सभी कष्टो और परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
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सवा लाख महामृत्युंजय मंत्र जप में कितनी माला होती है?
जैसा कि हमने यह जाना हैं कि महामृत्युंजय मंत्र का जाप सवा लाख बार किया जाता है। और इस महामंत्र का जाप 125 दिनो मे पूरा हो जाता है। आपको यह संख्या ज्ञात करने के लिए सवा लाख में 108 का भाग देना पड़ेगा और जितनी भी संख्या आपको प्राप्त होगी उतनी ही माला होती हैं। जैसे कि 125000 / 108 = 1158 माला होंगी।
सही महामृत्युंजय मंत्र जाप क्या है?
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वःॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ।
यह पूर्णरूप से सही महामृत्युजंय मंत्र होता हैं।
महामृत्युंजय जाप मंत्र मृत संजीवनी की कथा
दैत्यगुरु शुक्राचार्य जी भगवान शिव के परम भक्त और शिष्य हैं। और उन्होंने इस महामंत्र का जाप अपने हाथ के एक अंगूठे पर उल्टा खड़ा होकर किया था, जिसके फलस्वरूप भगवान शिव बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने शुक्राचार्य को यह पूर्ण मंत्र प्रदान किया और यह वरदान दिया कि आप इस मंत्र का उपयोग कर मृत व्यक्ति या पूरी सेना को पुर्नजीवित कर सकते हो और इस प्रकार इस महामंत्र को मृत संजीवनी के नाम से भी जाना जाता हैं।
महामृत्युंजय जाप क्यों कराया जाता है ?
यदि आप किसी भी प्रकार के रोग से ग्रसित हैं तो इस महामृत्यंजय मंत्र का जाप करने से उस रोग से मुक्ति मिलती हैं। और यदि आप पुत्र की प्राप्ति करना चाहते हैं तो फिर भी आपको इस महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। आप अपने जीवन मे सुख,समृद्धि और यश की प्राप्ति के लिए इस महामंत्र का जाप करना चाहिए। भगवान शिव के इस अत्यन्त चमत्कारी महामृत्युंजय मंत्र के जाप से कालसर्प दोष जैसे दुष्प्रभावों का नाश हो जाता है। जीवन में अकाल मृत्यु के डर से मुक्त होने और अकाल मृत्यु को अपने से दूर रखने के लिए इस महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। जीवन में किसी भी कार्य के सफलता हेतु इस महामृत्यंजय मंत्र का जाप करना अत्यन्त लाभकारी सिद्ध होता है। मनोवांछित फल पाने के लिए भक्त को अटूट श्रद्धा, भक्तिभाव और दृढ़ विश्वास के साथ इस महामंत्र का सदैव जाप करना चाहिए।
सवा लाख महामृत्युंजय मंत्र जाप के फायदे – FAQ
महामृत्युंजय मंत्र की मृत संजीवनी की कथा क्या हैं?
दैत्यगुरु शुक्राचार्य जी भगवान शिव के परम भक्त और शिष्य हैं। और उन्होंने इस महामंत्र का जाप अपने हाथ के एक अंगूठे पर उल्टा खड़ा होकर किया था, जिसके फलस्वरूप भगवान शिव बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने शुक्राचार्य को यह पूर्ण मंत्र प्रदान किया और यह वरदान दिया कि आप इस मंत्र का उपयोग कर मृत व्यक्ति या पूरी सेना को पुर्नजीवित कर सकते हो और इस प्रकार इस महामंत्र को मृत संजीवनी के नाम से भी जाना जाता हैं।
महामृत्युंजय जाप क्यों कराया जाता है ?
यदि आप किसी भी प्रकार के रोग से ग्रसित हैं तो इस महामृत्यंजय मंत्र का जाप करने से उस रोग से मुक्ति मिलती हैं। और यदि आप पुत्र की प्राप्ति करना चाहते हैं तो फिर भी आपको इस महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। आप अपने जीवन मे सुख,समृद्धि और यश की प्राप्ति के लिए इस महामंत्र का जाप करना चाहिए। भगवान शिव के इस अत्यन्त चमत्कारी महामृत्युंजय मंत्र के जाप से कालसर्प दोष जैसे दुष्प्रभावों का नाश हो जाता है। जीवन में अकाल मृत्यु के डर से मुक्त होने और अकाल मृत्यु को अपने से दूर रखने के लिए इस महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। जीवन में किसी भी कार्य के सफलता हेतु इस महामृत्यंजय मंत्र का जाप करना अत्यन्त लाभकारी सिद्ध होता है। मनोवांछित फल पाने के लिए भक्त को अटूट श्रद्धा, भक्तिभाव और दृढ़ विश्वास के साथ इस महामंत्र का सदैव जाप करना चाहिए।
सही महामृत्युंजय मंत्र क्या होता है?
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वःॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ।
सवा लाख जप में कितनी माला होती है?
जैसा कि हमने यह जाना हैं कि महामृत्युंजय मंत्र का जाप सवा लाख बार किया जाता है। और इस महामंत्र का जाप 125 दिनो मे पूरा हो जाता है। आपको यह संख्या ज्ञात करने के लिए सवा लाख में 108 का भाग देना पड़ेगा और जितनी भी संख्या आपको प्राप्त होगी उतनी ही माला होती हैं। जैसे कि 125000 / 108 = 1158 माला होंगी।
महामृत्यंजय मंत्र का जाप कैसे करें?
महामृत्युंजय मंत्र का जाप 108 मंत्र किया जाना चाहिए अगर आपको गिनने में परेशानी होती हैं तो आप माला का इस्तेमाल करें माला में 108 नग रुद्राक्ष होते हैं। इस प्रकार आपको कभी भी 108 मनको वाली रुद्राक्ष की माला में इस महामंत्र का जाप करना उचित माना जाता हैं। और इस प्रकार मंत्र गिनती करने की आवश्यकता नही हैं क्योंकि माला में पहले से ही 108 रुद्राक्ष मनका होते हैं। यदि आप नित्य प्रतिदिन 108 बार इस मंत्र का जाप करते हैं तब आपको इस संसार के सभी कष्टो और परेशानियों से छुटकारा मिलता है।